7th पे कमीशन: लवासा समिति ने भत्तों पर रिपोर्ट सौंपी, इमपावर्ड कमिटी द्वारा रिव्यु के बाद कैबिनेट करेगा फैसला, जून 2017 से वेतन में लागू होने की सम्भावना बनी
नई दिल्ली 29अप्रैल: सांतवे वेतन आयोग द्वारा सिफारिश की गई 'भत्तो की जाँच के लिए गठित लवासा कमिटी' ने लगभग 10 महीने बीत जाने के बाद अपनी रिपोर्ट वितमंत्री अरुण जेटली को सौप दी है. हालांकि केंद्रीय कर्मचारी अभी भी वेतन वृद्धि एवं संशोधित भत्तो के लिए केबिनेट के फैसले का बहुत ही उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं.
वित्तमंत्री अरुण जेटली को वित्त सचिव अशोक लवासा की अगुवाई वाली भत्तो की जाँच के लिए गठित "लवासा कमिटी' के रिपोर्ट सौपें जाने के बाद अब इस रिपोर्ट की समीक्षा इमपावर्ड कमिटी द्वारा की जायेगी और उसके बाद इसके ही मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा. अशोक लवासा समिति का गठन पिछले साल जून में सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू किए जाने के बाद किया गया था.
राष्ट्रीय संयुक्त कार्य परिषद (एनजेसीए) के प्रमुख श्री शिवगोपाल मिश्रा का कहना है, कि वित्त मंत्रालय को अंतिम रिपोर्ट सौपें जाने के बाद अब अगली कवायद में कम से कम 15 दिन का समय लग सकता है. अर्थात मामले में अभी कम-से-कम 1 महीने की देरी है. ऐसा कहा जा सकता है की अगर अब सबकुछ सामान्य रहा तो जून, 2017 के वेतन में केंद्रीय कर्मचारी नए दर से भत्ते पा सकेंगे.
हाल में ही आई विभिन्न मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार जल्द ही लगभग 55 लाख पेंशनरों के लिए 5000 करोड़ पैकेज का एलान कर सकती है, लेकिन इधर भत्तो की जाँच के लिए गठित "लवासा कमिटी' के रिपोर्ट सौपें जाने के बाद अब देखना है की पहले कर्मचारी की या फिर पहले पेंशनर की झोली में सांतवे वेतन आयोग द्वारा सिफारिश की गई का लाभ मिलता है.
वेतन समिति ने अभिनय, खजांची की सहायता, साइकिल, मसाला, उड़न दस्ता, हेयर कटिंग, राजभाषा, राजधानी, पोशाक, जूता, शॉर्टहैंड, साबुन, चश्मा, यूनिफार्म, सतर्कता और धुलाई जैसे भत्तों को समाप्त करने या उन्हें समाहित करने का सुक्षव दिया था. जेटली को रिपोर्ट सौंपने के बाद लवासा ने कहा कि समिति ने विभिन्न संबंधित पक्षों द्वारा दिए गए सुझावों पर ध्यान दिया है.
वेतन आयोग ने 196 भत्तों में से 52 को पूरी तरह समाप्त करने और 36 अन्य को अन्य बड़े भत्तों में समाहित करने का सुक्षाव दिया था। ख़बरों के अनुसार लवासा समिति ने आवास किराया भत्ते (एचआरए) में 8 से 24 प्रतिशत की वद्धि का वेतन आयोग की सिफारिशों को ही रखा है । हालांकि केंद्र सरकार ही सरकारी कर्मचारियों को संशोधित भत्तों के भुगतान की तारीख पर अंतिम फैसला करेगी.
बता दें कि सातवें वेतन आयोग द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले कई भत्तों को लेकर असमंजस की स्थिति है। नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दी थी और 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया था। लेकिन, भत्तों के साथ कई मुद्दों पर असहमति होने की वजह से इन सिफारिशें पूरी तरह से लागू नहीं हो पाईं। अब जब अशोक लवासा समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और जल्द ही वित्तमंत्री अरुण जेटली इस रिपोर्ट पर कोई अंतिम फैसला सरकार की ओर से ले लेंगे.
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